SAHARA NGO ने अपने जन हित के कार्य ,पिछड़े गांव अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में लोगों को जीवको उपार्जन के नए तरीकों के अंतर्गत जड़ी बूटियों की खेती के संदर्भ में 20मार्च 2025 को G B PANT मोहाल, डावर इंडिया कंपनी की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न पंचायतों से आए हुए 34 किसानों ने भाग लिया। G B PANT की ओर से मधु मक्खी पालन के विशेषज्ञ डॉ किशोर, और डावर इंडिया से डॉ यशवीर नेगी ने किसानों को कुठ प्रजाति की खेती में कौन कौन सी सबधनीय रखनी चाहिए। डॉ किशोर का कहना था कि सभी तरह की उपज के लिए मधुमक्खी पालन आवश्यक है डॉ नेगी ने लाहौल स्पीति में की जा रही पुष्कर मूल और कुठ की खेती पर किस प्रकार से कार्य हो रहा है पर जानकारी दी। इस कार्यशाला के दौरान किसानों ने भी अपनी कुठ उगने की समस्याएं भी सामने रखी। घाट गांव के गुमत राम और चमन लाल का कहना था कि बीज अच्छे ढंग से नहीं निकल रहा है दूसरा क्या हम खाद डाल सकते है , इस पर डॉ किशोर ने उन्हें केमिकल खाद से तो हमेशा के लिए दूर रहने को कहा उनका कहना था कि जंगलों के पैड के नीचे की मिट्टी का प्रयोग करे। इस दौरान किसानों को PSI देहरादून , GB PANT और डावर की ओर से लोगो को कुठ , पुष्कर मूल और पतिश के बीज भी वितरित किए। राजेंद्र चौहान SAHARA की ओर से दोनों फैकल्टी का धन्यवाद किया और उन से निवेदन भी किया कि बीच बीच में किसानों के खेतों का निरीक्षण भी किया जाए और जानकारी भी उपलब्ध करवाते रहे। डॉ किशोर से निवेदन करते हुए चौहान ने कहा कि एक मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग 21दिन की जाए जाए जिससे लोगों को सही तरीके से प्रशिक्षण और पालन की जानकारी हो। साथ में डॉ नेगी ने पाजा और कंकड़ सिंगी की प्लांटेशन पर जोर देते हुए बताया कि इस की खरीद की गारंटी डावर आयुर्वेद कंपनी लेगी। चौहान और किसानों को आश्वस्त करते हुए पूरा सहयोग देने के लिए आश्वस्त करवाया
